Saturday, January 12, 2013

तुमने थोड़ा नाम कर लिया, हम थोड़ा बदनाम हो गये




हमने सब की पीड़ा समझी, हमने सब का दुख पहिचाना
सबको ही अपना समझे हम, गैर किसी को भी ना माना
इस कलियुग में हम जैसों के, सारे काम तमाम हो गये
तुमने थोड़ा नाम कर लिया, हम थोड़ा बदनाम हो गये

राजनीति का अर्थ तुम्हारा, राशन, रिश्वत, रुतबेदारी
हम इसमें भी खोजा करते, खुली-छिपी सारी मक्कारी
खास रहे तुम मक्कारों के, दूर रहे हम आम हो गये
तुमने थोड़ा नाम कर लिया, हम थोड़ा बदनाम हो गये

तुम बर्दी का अर्थ समझते, प्राण बचाना और दलाली
हम कहते कर्तव्य निभाना, करना निर्बल की रखवाली
हम से तो तुम ही अच्छे हो छोटे-मोटे काम हो गये
तुमने थोड़ा नाम कर लिया, हम थोड़ा बदनाम हो गये

तुम कविता का अर्थ समझतेे, पायल, लाली, जमकर ताली
हम तो सच का सच कहते हैं, चाहे दो तुम जी भर गाली
या तो तुम जोकर बन बैठे, या गोपी या श्याम हो गये
तुमने थोड़ा नाम कर लिया, हम थोड़ा बदनाम हो गये

हम जीवन का सार मानते रोटी, कपड़ा, श्रेय कमाना
तुम तो सारी कला जानते, कैसे भी बस दाम बनाना
तुम लक्ष्मीजी के प्रिय बाहन, अपने चक्के जाम हो गये
तुमने थोड़ा नाम कर लिया, हम थोड़ा बदनाम हो गये

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